एसोसिएशन के महासचिव सुरेंद्र सिंह गागुड़ा ने बताया कि वन बंदोबस्त अधिकारी का कार्यालय वर्तमान समय में कचहरी परिसर में स्थित हैं।
2.
उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में यह भी लिखा कि वन बंदोबस्त अधिकारी प्राप्त दावों की जांच करेंगे और उससे संबंधित आवश्यक दस्तावेज इलाके के अतिरिक्त जिला न्यायाधीशों के सामने रखेंगे।
3.
दोनों अधिकारियों ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश तहत संपन्न हुई वन बंदोबस्त प्रक्रिया को नजर अंदाज करते हुए जेएएल के पक्ष में तत्कालीन वन बंदोबस्त अधिकारी वीके श्रीवास्तव के फैसले को तवज्जो दी है।
4.
जोधपुर-!-राजस्थान हाईकोर्ट एडवोकेट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष रणजीत जोशी ने मुख्यमंत्री, अतिरिक्त मुख्य सचिव सहित मुख्य वन संरक्षक को ज्ञापन प्रेषित कर कलेक्ट्रेट परिसर स्थित वन बंदोबस्त अधिकारी कार्यालय को भविष्य में झालामंड स्थित नवनिर्मित भवन में स्थानांतरित किए जाने पर एतराज जताया है।
5.
इतना ही नहीं चौहान ने 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश वन विभाग के प्रमुख मुख्य वन संरक्षक को भी पत्र लिखा और राबर्ट्सगंज के तत्कालीन सहायक अभिलेख अधिकारी वीके श्रीवास्तव को वन बंदोबस्त अधिकारी नियुक्त करने के संबंध में जारी अधिसूचना और अन्य संबंधित दस्तावेजों की मांग की।
6.
मंत्रालय ने इस संबंध में वन बंदोबस्त अधिकारी, ओबरा के 16 अप्रैल,1992 के आदेश का हवाला दिया है, जिससे साफ है कि प्लांट संख्या-3200 की वन बंदोबस्त प्रक्रिया सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के तहत पूरी हो चुकी थी और वह भूमि संरक्षित वन भूमि घोषित हो चुकी है।
7.
जबकि विंध्याचल के तत्कालीन मंडलायुक्त सत्यजीत ठाकुर, अतिरिक्त आयुक्त (प्रशासन) डॉ. डीआर त्रिपाठी, संयुक्त विकास आयुक्त एस. एस. मिश्रा और विंध्याचल डिविजन के वन संरक्षक आर. एन. पांडे ने अपनी संयुक्त जांच रिपोर्ट (अंतरिम) में जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड को हस्तांतरित की गई संरक्षित वन भूमि के लिए वन बंदोबस्त अधिकारी वीके श्रीवास्तव को दोषी ठहराया है।
8.
उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले में तत्कालीन वन बंदोबस्त अधिकारी वीके श्रीवास्तव (अब सहायक अभिलेख अधिकारी, मिर्जापुर) ने जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड (जेएएल) नामक निजी कंपनी के पक्ष में वन विभाग की 1083 हेक्टेयर (करीब 2483 बीघा) से ज्यादा संरक्षित वन भूमि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों और वन संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के खिलाफ निकाल दी लेकिन उनके खिलाफ सत्ता में काबिज राजनीतिक पार्टी के नुमाइंदों ने कोई कार्रवाई नहीं की।
9.
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय के वन संरक्षक (मध्य क्षेत्र) वा ई.क े. सिंह चौहान की ओर से सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) के सदस्य सचिव एमके जीवराजका को प्रेषित पत्र पर गौर करें तो तत्कालीन वन बंदोबस्त अधिकारी वीके श्रीवास्तव ने सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के खिलाफ राजस्व अभिलेख में भारतीय वन अधिनियम-1927 की धारा-4 के तहत अधिसूचित संरक्षित वन क्षेत्र की भूमि के कानूनी स्वरूप को ही बदल दिया।
10.
केंद्रीय पर्यावरण एवं वन मंत्रालय, उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित केंद्रीय अधिकार प्राप्त समिति (सीईसी) और विंध्याचल मंडल के तत्कालीन आयुक्त सत्यजीत ठाकुर की ओर से गठित टीम की अलग-अलग जांच रिपोर्टों के दस्तावेजों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश सरकार के तत्कालीन वन बंदोबस्त अधिकारी वीके श्रीवास्तव (अब सहायक अभिलेख अधिकारी, मिर्जापुर) ने वर्ष 2007-0 8 में जय प्रकाश एसोसिएट्स लिमिटेड के पक्ष में जंगल और कैमूर वन्यजीव विहार की 1083.231 हेक्टेयर (करीब 4283.238 बीघा) भूमि उच्चतम न्यायालय के आदेशों के विपरीत निकाल दी।